एक बदसूरत काला सा आदमी जुकाम की शिकायत लेकर डाक्टर के पास गया। डाक्टर ने उसे सरसरी निगाह से देखकर कहा कि वो अपने कपडे उतार दे और दोनों हाथों को जमीन पर टिका दे।
आदमी हैरान परेशान हो गया पर उसने वैसा ही किया जैसा कि डॉक्टर ने उसे करने के लिए कहा।
डाक्टर: ठीक है, अब जानवरों की तरह चलिए, और कमरे के दायें कोने में जाएं।
आदमी ने यही किया।
डाक्टर: ठीक अब बाएँ कोने में जाएं।
आदमी उधर चला गया।
डॉक्टर: अब इस कोने में, अब उस कोने में, अब सामने, अब बीच में।
आदमी घबरा के उठ खड़ा हुआ और बोला, "डाक्टर साहब, कोई गंभीर बीमारी तो नहीं हो गयी मुझे?"
डॉक्टर: अरे नहीं, मामूली जुकाम है, ये दो गोली लो सुबह तक ठीक हो जाओगे।
आदमी: पर डॉक्टर साहब आपने ये मेरा एक घंटे तक इस तरह परीक्षण क्यों किया?
डॉक्टर: कुछ नहीं यार, बात यह है कि मैंने एक काले रंग का सोफा ख़रीदा है, मैं देखना चाहता था इस कमरे में वो किस जगह ठीक दिखेगा।
आदमी हैरान परेशान हो गया पर उसने वैसा ही किया जैसा कि डॉक्टर ने उसे करने के लिए कहा।
डाक्टर: ठीक है, अब जानवरों की तरह चलिए, और कमरे के दायें कोने में जाएं।
आदमी ने यही किया।
डाक्टर: ठीक अब बाएँ कोने में जाएं।
आदमी उधर चला गया।
डॉक्टर: अब इस कोने में, अब उस कोने में, अब सामने, अब बीच में।
आदमी घबरा के उठ खड़ा हुआ और बोला, "डाक्टर साहब, कोई गंभीर बीमारी तो नहीं हो गयी मुझे?"
डॉक्टर: अरे नहीं, मामूली जुकाम है, ये दो गोली लो सुबह तक ठीक हो जाओगे।
आदमी: पर डॉक्टर साहब आपने ये मेरा एक घंटे तक इस तरह परीक्षण क्यों किया?
डॉक्टर: कुछ नहीं यार, बात यह है कि मैंने एक काले रंग का सोफा ख़रीदा है, मैं देखना चाहता था इस कमरे में वो किस जगह ठीक दिखेगा।