दयालु संता...

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एक दिन संता ऑफिस जाने के लिए जब बस में चढ़ा तो कंडक्टर ने हँसते हुए पूछा, "कल रात आप ठीक-ठाक घर पहुँच गए थे? कहीं गिरे तो नहीं या रास्ता तो नहीं भूले थे घर का?"

संता (गुस्से से): क्यों, कल रात को मुझे क्या हुआ था?

कंडक्टर: कल रात आप नशे में टुन्न थे।

संता: तुम कैसे कह सकते हो कि कल रात मैं नशे में था। हमने तो आपस में कोई बात भी नहीं की थी।

कंडक्टर: जी, वो ऐसा है कि कल रात जब आप बस में बैठे हुए थे तब एक मैडम बस में चढ़ी थी और आपने उन्हें उठकर अपनी सीट पर बैठने के लिए कहा था।

संता (हैरानी से): तो क्या किसी महिला को सीट देना कोई गुनाह है?

कंडक्टर (हँसते हुए): गुनाह तो नहीं है पर जब आप ने उनको सीट के लिए पूछा उस समय बस तो पहले से ही खाली थी।

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